हार के बाद ही जीत है: असफलता से टूट गई थी उम्मीद, तीसरी बार में निकाला IAS का एग्जाम

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हार के बाद ही जीत है: असफलता से टूट गई थी उम्मीद, तीसरी बार में निकाला IAS का एग्जाम

सिविल सर्विस की परीक्षा देश के सबसे कठिन एग्जामों में मानी जाती है। कितने प्रयास के बाद क्वालीफाई होगा ये कोई नहीं जानता। कुछ लोग फेल होकर उम्मीद हार जाते हैं। तो कोई हार से सबक लेकर जीत की नई इबारत लिखता है। ये कहानी है आईएएस अफसरगुंजन द्विवेदी की। जिन्होंने दो बार प्री-एग्जाम में फेल होने के कारण अफसर बनने की उम्मीद छोड़ दी। लेकिन गुंजन ने हार नहीं मानी और अपने तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया 9 वीं रैंक हासिल कर अपने सपने को साकार किया। गुंजन की आईएएस बनने की कहानी कई मायनों में प्रेरणादायक है।

बचपन से आईएएस बनना था

उत्तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली गुंजन के पिता आईपीएस अफसर थे। यही वजह रही कि उनका यूपीएससी की तरफ बचपन से ही रुझान रहा। घर में उन्हें बहुत अच्छा माहौल मिला, जिसकी बदौलत उन्होंने खुद को यूपीएससी के लिए तैयार किया। इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने दिल्ली के एक कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन (ऑनर्स) की डिग्री हासिल की। इसके बाद वे पूरी तरह यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं। 

गुंजन की सलाह

गुंजन के मुताबिक यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए शॉर्टकट नहीं अपनाना चाहिए। जो लोग ऐसा करते हैं वे बुरी तरह फेल होते हैं। इस परीक्षा को पास करने के लिए आपके पास कड़ी मेहनत के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होता। सबसे पहले आप अपने बेसिक्स मजबूत करें और इसके बाद सिलेबस के अनुसार स्टडी मैटेरियल का इस्तेमाल कर तैयारी करें।

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